रेलवे यात्रियों को मिलेगी सुपर रफ्तार,200 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी 100 ट्रेनें

 


 ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की दिशा में तेजी से कर रहा कार्य आरडीएसओ — संजीव भुटानी 

लखनऊ। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है। ट्रेनों से कम समय में आरामदायक सफर के लिए अत्याधुनिक मेक इन इंडिया ट्रेन—18 का निर्माण जल्द ही पूरा हो जायेगा । रेलवे की बुलेट प्लान के तहत आगामी दिनों में 100 से अधिक ट्रेनें 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी । ट्रेनें दिल्ली से लखनऊ ढाई घंटे वहीं पांच घंटे में मुम्बई पहुंचेगी । दौ सौ किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए 100 ट्रेन सेट खरीदने की तैयारी है। जिसका टेंडर एडवांस स्टेज में है। 


बुधवार को यह जानकारी देते हुये आरडीएसओ के महानिदेशक संजय भुटानी ने बताया कि 200 किमी. प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनें चलाने के लिए अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन आरडीएसओ सेमी हाइस्पीड ट्रेन के कलपुर्जे से कम भार वाले एल्युम्यूनियम बाडी की डिजाइन को तैयार कर लिया है। पहले चरण में आरडीएसओ की डिजाइन हुई 100 ट्रेन सेट बनाएगा। इसके अलावा दिल्ली से हावड़ा और मुंबई रूट की ट्रेनों में सुरक्षा प्रणाली कवच लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है। आरडीएसओ ने 1200 केवी डीइएमयू इंजन सफल परीक्षण के लिए हाइड्रोजन ईधन से आधारित हाइब्रिड पावर ट्रेन का विकास किया है। उत्तर रेलवे ने इसका कांट्रैक्ट जारी कर दिया है। जल्द ही इसका परीक्षण कार्य पूरा कर लिया जायेगा । 


उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर भारत व मेक इन इंडिया के तहत भारतीय रेल इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप करने वाली संस्थाओं को अवसर देगा। रेलवे के लिए स्टार्टअप्स योजना के तहत रेल लाइन के टूटने, लाइन में तनाव के प्रबंधन के सिस्टम और उपनगरीय सेक्शन के लिए हेडवे में सुधार सहित 11 समस्याओं को दूर करने के लिए स्टार्टअप उद्यमियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। स्टार्टअप्स को अधिकतम 1.5 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

बाक्स—दिल्ली,हावड़ा मुंबई की ट्रेनों में लगेगा सुरक्षा प्रणाली कवच 

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते 4 मार्च 2022 को आरडीएसओ की जिस स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली कवच का निरीक्षण किया था। दो साल के भीतर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा सेक्शन पर लगाया जाएगा। उत्तर रेलवे ने इसका टेंडर जारी भी कर दिया है। वहीं मालगाड़ी को 130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाने के लिए डिजाइन बनाएगा। रेलवे 80 हजार वैगन के साथ 9 हजार हार्सपावर वाले 1200 लोकोमोटिव इंजन दाहोद और 12 हजार हार्सपावर वाले 800 लोकोमोटिव बनारस लोकोमोटिव वर्कशाप में बनाएगा।

बाक्स—आरडीएसओ में 32 की जगह अब 7 निदेशालय होंगे 


आरडीएसओ में प्रोजेक्टों के शोध करने और उनको पूरा करने के लिए कई अलग-अलग बनाए गए निदेशालयों को खत्म कर दिया गया है। ऐसे में अब आरडीएसओ में 32 की जगह मात्र 7 निदेशालय होंगे। प्रधान निदेशक के नेतृत्व में प्रशासनिक, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोलिंग स्टाक, रिसोर्स व टेस्टिंग, सिग्नलिंग व टेलीकाम, ट्रैक्शन और साइकोटेक निदेशालय होगा। बाकी 25 अफसरों को रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला और मार्डर्न कोच फैक्ट्री यूनिट के अलावा बनारस लोकोमोटिव वर्कशाप, चितरंजन लोको वर्कशाप, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैनात किए जाएंगे।