मिड डर्माकॉन-2022' के पहले दिन एस्थेटिक्स व डर्मेटो सर्जरी पर हुई चर्चा, डॉ. अमित मदान बोले- 'लेजर तकनीक से झाइयों के इलाज में आई आसानी'

 


लखनऊ: 'इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स' के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. अमित मदान व साइंटिफिक सेक्रेटरी डॉ. सुमित गुप्ता ने बताया कि 'मिड डर्माकॉन-2022' के पहले दिन एस्थेटिक्स व डर्मेटो सर्जरी के अलग-अलग विषयों पर मुंबई, राजस्थान व हैदराबाद सहित पूरे भारत से आए डर्मेटोलॉजिस्ट ने व्याख्यान दिया। उन्होंने लेजर तकनीक से कैसे झुर्रियों व झाइयों के इलाज में आसानी आई, इस पर भी बात की। बता दें कि 'द सेंट्रम' होटल में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में देशभर के डर्मेटोलॉजिस्ट इकट्ठा हुए। जो कि आगे दो दिनों तक चलेगी।

'बालों में दही या अंडा न लगाएं'

इस मौके पर दिल्ली से आए डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अनुराग तिवारी और डॉ. रजत कंधारी ने बताया कि बालों के गिरने की समस्या विटामिन्स, मिनरल्स की कमी से होती है। औरतों में आयरन की कमी से पाई जाती है। उन्होंने बताया कि कोविड़ या डेंगू होने के बाद 3-4 महीने तक बाल झड़ते हैं। अग़र बाल 100-200 रोज़ाना गिर रहे हैं, तो डर्मेटोलॉजिस्ट से ज़रूर चेकअप कराएं। घरेलू नुस्खों के इस्तेमाल पर डॉक्टर रजत के मुताबिक, प्याज के रस में विटामिन V-6 होता है। इसे लगाया जा सकता है। लेकिन, दही या अंडा बिल्कुल न लगाएं। 

'किसी प्रोफेशनल से ही कराएं लेजर सर्जरी'

वहीं, गुड़गांव से आए भारत के नामी लेजर एक्सपर्ट्स डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सचिन धवन और डॉ. अनुज पाल ने अपने विषयों 'कॉम्बिनेशन ट्रीटमेंट फ़ॉर स्किन प्रोब्लम्स' और 'एथीना जेनेसिस लेजर टेक्निक्स फ़ॉर पिगमेंटेशन एंड रेज्यूवेनेशन' पर बात की। उन्होंने बताया कि लेजर तकनीक से रिंकल्स, डार्क सरकल्स और झुर्रियों का इलाज बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने लेजर तकनीक को सबसे आख़िरी विकल्प भी बताया। साथ ही, कहा कि इसे किसी प्रोफेशनल से ही कराएं।

'स्वास्थ्य अच्छा न होने से शरीर अच्छा न दिख सकेगा'

हैदराबाद से आई डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. राजेथा दमशेट्टी ने बताया कि स्वास्थ्य अच्छा नहीं होने से शरीर अच्छा नहीं दिख सकता। थॉयराइड व डायबिटीज होने से शरीर अच्छा नहीं दिख सकता। गोरे दिखने में शौक में स्टेरॉइड क्रीम न लगाएं। 

'कोरोना के बाद बाल गिरना आम समस्या'

लखनऊ के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अबीर सारस्वत ने कहा कि बच्चे में फंगल इंफेक्शन होने पर उसे स्कूल जाने से तुरंत रोकें। किसी के संपर्क न लाएं। कोविड़ वाले प्रोटोकॉल को ही अपनाएं। साथ ही, उन्होंने कोरोना के बाद बाल झड़ना आम है। ये डेंगू और टाइफाइड के बाद भी होता है। हालांकि, ये 3 से महीने में सही हो जाता है। 

इस कॉन्फ्रेंस में डॉ. नीरज पांडे, डॉ. अंकुर तलवार और डॉ. सुरेश तलवार सहित करीब 1500 से अधिक डर्मेटोलॉजिस्ट मौजूद रहे।