लखनऊ हस्तशिल्प महोत्सव के दूसरे दिन रही भारी भारी भीड़ छाया कलाकारों का जादू

 


 लखनऊ हश्तशिल्प महोत्सव के दूसरे दिन दिन लोगों की काफी भीड़ रही हालांकि बारिश ने थोड़ा सा खलल डाला लेकिन महोत्सव में हो रहे कार्यक्रम ने दर्शकों की भीड़ को आने पर मजबूर कर दिया जिसमें कई रंगारंग कार्यक्रम आयोजित हुए । महोत्सव की आयोजिका नीशू वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्ष गुंजन वर्मा, अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि पहले दिन लखनऊ के लोगों ने जिस तरह से महोत्सव में आकर हमारा उत्साहवर्धन किया उसके लिए मैं समस्त लखनऊ वासियों को तहे दिल से धन्यवाद प्रेषित करता हूं लोगो से मिली जानकारी के अनुसार लोगों ने मनोरंजन के साथ खाने-पीने व रोजमर्रा के सामानों की जमकर खरीदारी की । आज के कार्यक्रमों में कानपुर के मशहूर ग्रुप से फेम इन ने अपने नृत्य और गायन से दर्शकों का मन मोह लिया । इसके बाद शिप्रा चंद्रा  सुर सागर संस्था द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें भारतीय लोक नृत्य लोक गायन की प्रस्तुतियां दी गई तालियों की गड़गड़ाहट में कार्यक्रम की गरिमा में चार चांद लगा दिए। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के उपलक्ष में कार्यक्रम के प्रभारी प्रदीप शुक्ला ने बताया कि क्लार्क रॉक बैंड द्वारा देश भक्ति के प्रोग्राम प्रस्तुत किए जाएंगे 



कार्यक्रम में कई वरिष्ठजनों, समाजसेवियों और पत्रकारों को सम्मानित किया गया , तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम की संध्या में सुंदर सुंदर प्रस्तुति की गई । वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी अर्चना सिंह ने कार्यक्रम में आकर महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न के लिए महिलाओं को जागरूक किया एवं बताया कि समाज में अगर किसी प्रकार से कोई महिला उत्पीड़ित होती है तो 181 पर संपर्क करके उसका हर तरह से सहायता की जाएगी।आधार क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा यहां लोगों के लिए निशुल्क आधार कैंप का भी आयोजन किया गया है ताकि महोत्सव में आए लोगों को आधार से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सके। 

अयोजक रनवीर सिंह व विनय दुबे ने महोत्सव के विषय में बताते हुए कहा कि लखनऊ हस्तशिल्प महोत्सव-2023 की सांस्कृतिक संध्या में रोजाना भारत के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम जैसे उत्तर प्रदेश का ख्याल नृत्य, रास नृत्य, झूला नृत्य, मयूर नृत्य, धोबिया नृत्य, चरकुला नृत्य, कठफोड़वा नृत्य, जोगिनी नृत्य, आल्हा-ऊदल गायन, राजस्थान का घूमर नृत्य, कालबेलिया नृत्य, तेराताली नृत्य, गेर नृत्य, पंजाब का गिद्दा-भांगड़ा, हरियाणा का झूमर नृत्य, बिहार का जाट जाटिन नृत्य, झारखंड का फगुआ नृत्य, करमा नृत्य, महारास्ट्र का लावणी नृत्य, दसावतार और डिंडी नृत्य, गुजरात का गरबा नृत्य के साथ अन्य राज्यों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम होंगे। 



लखनऊ हश्तशिल्प महोत्सव मे  उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली अनेक विभूतियों को लखनऊ हस्तशिल्प महोत्सव रत्न सम्मान से सम्मानित किया जायेगा, 

लखनऊ हस्तशिल्प महोत्सव फूड जोन सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा जिसमे  कश्मीरी, राजस्थानी, पंजाबी, साउथ इण्डियन, गुजराती, चाइनीज, अवधी-मुगलई के अलावा देशी बाटी चोखे के स्टाल आकर्षण के केन्द्र होंगे। इसके अलावा फन जोन में बच्चों के लिए तमाम तरह के आकर्षक झूले, खिलौने होंगे। लखनऊ हस्तशिल्प महोत्सव में भारत के हस्तशिल्पियों को बढावा देने के लिए 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के हैण्डलूम हैण्डीक्राफ्ट्स, खादी ग्रामोद्योग, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक के समान, सहारनपुर का फर्नीचर, भदोही का कालीन, कश्मीर और लद्दाख में बने हुए गर्म कपड़े, शाल, गुजरात की सड़िया व लहंगे, कानपुर का चमडे का सामन, घरेलू सामानों और लघु इकाइयों द्वारा निर्मित अचार, पापड़, क्राॅकरी, मेवे व अन्य सामानों के स्टाल लगाये गये हैं 


आयोजक अरुण प्रताप सिंह ने बताते हुए बताया लखनऊ हस्तशिल्प महोत्सव में बच्चों और युवाओं के लिए आकर्षक झूलों के साथ ऊँट की सवारी की भी व्यवस्था की गई है। लोगों की सुरक्षा के लिए पूरे महोत्सव परिसर और परिसर के बाहर सी सी टीवी कैमरे लगाये गए हैं। महोत्सव के सभी प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं.


लखनऊ हश्तशिल्प महोत्सव को सफल बनाने में जो टीम कड़ी मेहनत कर रही उसमे खासतौर से हेमू चौरसिया, मोना वर्मा, संदीप शुक्ला, अमित तिवारी, सांस्कृतिक प्रभारी प्रदीप शुक्ला, रोली जैस्वाल, हिमांशु दीक्षित, उत्तम पोरवाल आयुष त्रिपाठी रोली सिंह, उमा सिंह का खास योगदान है।