उत्तर प्रदेश में बनेगा मेगा टैक्सटाइल पार्क, प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन - एमएसएमई मंत्री राकेश सचान

 



 लखनऊ, उत्तर प्रदेश को अगले कुछ साल में एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में प्रयासरत राज्य सरकार एक मेगा टैक्सटाइल पार्क बनाने की योजना पर काम कर रही है। यह एक बड़ी परियोजना होगी जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। राज्य के केबिनेट मंत्री श्री राकेश सचान ने आज यहां यह जानकारी दी। 

देश के अग्रणी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा यहां आयोजित दो दिवसीय उत्तर प्रदेश एमएसएमई सम्मेलन 2023 का उद्घाटन करते हुये श्री सचान ने कहा हरदोई- कानपुर के बीच एक पीएम मित्र पार्क जो कि एक टैक्सटाइल पार्क होगा उसकी शुरूआत होगी। यह एक बड़ी परियोजना होगी जिसकी अगले एक- दो महीने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरूआत की जा सकती है। 

 उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को आगे बढ़ाने और वित्तीय सुविधा और मार्केटिंग सहित उनकी समस्याओं के निदान के लिये हर क्षेत्र में प्रयास कर रही है। छोटे उद्यमों के समक्ष पैकेजिंग की बड़ी समस्या है। अच्छी पैकिंग उनके उत्पादों के अच्छे दाम दिला सकती है। इसलिये राज्य सरकार का प्रयास है कि लखनउ में पैकेजिंग का भी एक संस्थान खोला जाये। 


 उन्होंने कहा ‘‘मल्टी माॅल के क्षेत्र में भी हम काम कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में तीन मल्टी माॅल खोले जाने के बारे में चर्चा हुई है। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल जी के साथ हमारी बातचीत हुई है। उत्तर प्रदेश में तीन मल्टी माल -बनारस, लखनउ, गोरखपुर- में बनाये जाने का प्रस्ताव रखा गया है। 


श्री सचान ने कहा कि राज्य में ज्यादा एमएसएमई पंजीकरण कराने आगे आयें इसके लिये उन्हें प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य सरकार एमएसएमई को पांच लाख रूपये तक का दुर्घटना बीमा दे रही है इसके बाद से जून के महीने में ही अब तक 1.35 लाख नये एमएसएमई पंजीकरण राज्य में हुये हैं। पंजीकृत उद्यमों को बैंकों और संस्थानों से वित्तीय सुविधा मिलने में आसानी होती है, इसलिये राज्य सरकार एमएसएमई को पंजीकरण के लिये प्रोत्साहन दे रही है।  उत्तर प्रदेश में कार्यरत कुल 90 लाख से अधिक एमएसएमई में से केवल 14 लाख छोटे उद्यमों का ही पंजीकरण है। 


श्री सचान ने कहा कि छोटे उद्यमियों को बैंकों से कर्ज मिलने में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार ने दो करोड़ रूपये तक कर्ज लेने वालों को सुविधा देते हुये उसकी गारंटी देने का फैसला किया है। इससे छोटे उद्यमों को कर्ज मिलने में और आसानी होगी।


इससे पहले भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री शिवसुब्रमणियम रमण ने अपने संबोधन में कहा कि गैर- पंजीकृत एमएसएमई की वित्तीय जरूरत को पूरा करना आज एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने बताया कि देश में कुल मिलाकर करीब 1.6 करोड़ पंजीकृत एमएसएमई हैं जबकि सात करोड़ के आसपास बिना पंजीकरण वाले एमएसएमई हैं। ये सूक्ष्म एवं लघु उद्यम हैं जिन्हैं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपने तय नियमों के चलते कर्ज उपलब्ध नहीं करा पाते हैं। इन उद्यमों की वित्तीय आवश्यकताओं को किस तरह पूरा किया जाये सिडबी इस पर गौर कर रहा है।  


श्री शिवसुब्रमणियम ने कहा कि छोटे उद्यमों में अगले तीन चार साल के दौरान अतिरिक्त 25 लाख करोड़ रूपये तक के वित्त समर्थन की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि यह बड़ी राशि है। छोटे उद्यमों को यह राशि यदि 12 से 15 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराई जा सकती है तो इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उनका कारोबार बढ़ेगा। 


इससे पहले एसोचैम की डब्ल्यूटीओ, ट्रेड और इन्वेस्टमेंट की नेशनल काउंसिल के अध्यक्ष सुहैल नैथाणी ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार के सहयोग से एमएसएमई को नये उच्च स्तर पर पहुंचाया जा सकता है। 


 एसोचैम की बिजनेस फेसिलिटेशन एण्ड ग्लोबल कंपटीटिवनेस के सह-अध्यक्ष श्री रामचंद्रन वेंकटरमन ने कहा कि रोजगार उपलब्ध कराने और क्षेत्रीय विकास के लिहाज से एमएसएमई महत्वपूर्ण क्षेत्र है। वित्तीय सुविधा और विपणन विकास इनके समक्ष बड़ी चुनौती बनी हुई है, इस दिशा में प्रयास तेज किये जाने चाहिये। 


एनपीसीआई के अभिषेक कुंमार स्वर्णकार ने छोटे उद्यमों को अधिक से अधिक डिजिटल भुगतान प्रणाली अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया को भारत ने पहले भी कई नई चीजें दी हैं और डिजिटल भुगतान देने में भी भारत की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने बताया कि दुनिया में जितना भी डिजिटल भुगतान हुआ है उसमें से 46 प्रतिशत भुगतान भारत में हुआ है।


एसोचैम की उत्तर प्रदेश विकास परिषद के सह-अध्यक्ष श्री अनुपम मित्तल ने अपने धन्यवाद प्रस्ताव में राज्य में पैकेजिंग संस्थान की स्थापना में मदद देने की पेशकश की। उन्होंने बिना पंजीकरण वाले एमएसएमई को भी पंजीकरण के लिये आगे आने पर जोर दिया।