मणिपुर की अमानवीय घटना शासन प्रशासन की विफलता या नियत में खोट - लक्ष्य

लक्ष्य द्वारा निकाली गई आक्रोश रैली

लखनऊ भारतीय समन्वय संगठन लक्ष्य के सैकड़ों कमांडरों ने मणिपुर में आदिवासियों पर हो रही । अमानवीय घटनाओं को लेकर एक आक्रोश प्रदर्शन रैली का आयोजन लखनऊ के आशियाना में किया। जो लक्ष्य के जिला कार्यालय से चलकर आशियाना पुलिस चौकी से बंगला बाजार होते हुए जिला कार्यालय पर समाप्त हुई जिसका नेतृत्व लक्ष्य की महिला कमांडो ने किया लक्ष्य कमांडरों ने जलती हुई मोमबत्ती के साथ मणिपुर के शासन प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारे लगाकर अपना रोष व्यक्त किया कमांडरों ने कहा कि मणिपुर में आदिवासियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। उनकी सरेआम हत्या की जा रहे हैं उनकी बहन बेटियों को नग्न करके सरेआम घुमाया जा रहा है। उनकी इज्जत लूटी जा रही है। यह कत्लेआम का तांडव पिछले लगभग 80 दिनों से चल रहा है इस घटना में मानवता को तार-तार कर दिया ऐसा लग ही नहीं रहा कि देश में संविधान नाम की कोई चीज भी है। दबंगों को किसी भी प्रकार का कोई भी नहीं दिखाई दे रहा है और सरकार की चुप्पी और भी दुखदाई है ऐसा लगता है कि जैसे सब कुछ सुनियोजित हो रहा है। इस घटना ने देश की महिलाओं व बहुजन समाज के लोगों में भय उत्पन्न कर दिया है वह अपने को असुरक्षित महसूस  कर रही है। तथा उनमें रोष व्याप्त है लक्ष्य कमांडो ने कहा कि यह देश के इतिहास में एक काला अध्याय है। जिसने देश की एकता अखंडता को कलंकित किया है और विश्व स्तर पर भारत देश का नाम बदनाम किया है। इसके दूरगामी दुष्परिणाम होंगे लक्ष्य कमांडरों ने प्रदेश और विशेष तौर पर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि क्या मणिपुर में यह मानवीय घटना शासन प्रशासन की विफलता है या नियत में खोट है। उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं को वोट का खेल बंद करना चाहिए और देश के सभी नागरिकों की जान माल की हिफाजत इमानदारी से करनी चाहिए अर्थात संविधान को ईमानदारी से लागू करना चाहिए तथा जाति व धर्म से ऊपर उठकर सभी नागरिकों को एक समान दृष्टि से देखना चाहिए सभी को विकास के समान अवसर मिलने चाहिए सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार अपनी मानसिकता बदले और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें और पीड़ितों को उचित मुआवजा दे और उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करें।