उत्तर प्रदेश राज्य को अंतरदेशीय मछली पालन (मैदानी क्षेत्र) में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। गुजरात में आयोजित कॉन्फ्रेंस में मिला पुरुस्कार

 



मत्स्य मंत्री लगातार भ्रमण से मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े किसानों के प्रोत्साहन से आय वृद्धि रंग लाया मिला देश में प्रथम स्थान

*लखनऊ, योगी सरकार द्वारा प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने एवं पालकों की आय बढ़ाने के प्रयास रंग लाई है। संजय निषाद जी के नेतृत्व में मत्स्य विभाग नित नए आयाम को छू रहा है। आज विश्व मछुआ दिवस के उपलक्ष्य पर अहमदाबाद में आयोजित ग्लोबल फिशरीज कॉन्फ्रेंस इंडिया- 2023 में उत्तर प्रदेश राज्य को 

अंतरदेशीय मछली पालन (मैदानी क्षेत्र) में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। गुजरात मे आयोजित कांफ्रेस में उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री डॉ संजय निषाद जी को केंद्रीय मत्स्य एवं पशुधन मंत्री श्री पुरूषोत्तम रुपाला जी से पुरुस्कृत किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य एवं पशुधन राज्यमंत्री श्री संजीव बाल्यान जी, उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री रजनीश दुबे, एवं विशेष सचिव श्री प्रशांत शर्मा जी मौजूद रहे।

*मत्स्य उत्पादन में हुई वृद्धि*

मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए ही योगी सरकार ने मत्स्य विभाग की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री को दी। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप मत्स्य पालन से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारा गया। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में पिछले साढ़े छह वर्षों में मत्स्य पालन और उत्पादन में काफी वृद्धि दर्ज की गयी है। सीएम योगी की दूरदर्शी सोच का असर है कि आज उत्तर प्रदेश ने पूरे देश में अंतरदेशीय मछली पालन में पहला स्थान प्राप्त किया है। पिछले साल जहां प्रदेश में मत्स्य उत्पादन 8.09 लाख मीट्रिक टन था, वहीं इस साल अब तक विभाग ने 9.15 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन किया है। इसी तरह पिछले साल की तुलना ने इस बार विभाग ने मत्स्य बीज उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की है। पिछले साल जहां 27,128 लाख मीट्रिक टन मत्स्य बीज उत्पादन था, वहीं इस बार अब तक 36,187 लाख मीट्रिक टन है। प्रदेश में वर्तमान में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 31 परियोजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के तहत अब तक 15282.5 लाख रुपये की धनराशि लाभार्थियों को वितरित की जा चुकी है। 

*68 जनपदों की नदियों में की जा रही रैंचिंग* 

प्रदेश में इस अब तक 1,16,159 मत्स्य पालकों को मछुआ दुर्घटना बीमा योजना का लाभ दिया जा चुका है। मालूम हो कि योजना के तहत हादसे में अपनी जान गंवाने वाले मत्स्य पालकों को 5 लाख, दिव्यांग होने पर 2.5 लाख और घायल होने पर 25 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। पहले जहां प्रदेश के 12 जनपदों की नदियों में रैंचिंग की जाती थी, वहीं वर्तमान में 68 जनपदों की नदियों में रैंचिंग की जा रही है। इतना ही नहीं प्रदेश को मत्स्य पालन का हब बनाने के लिए चंदौली में 62 करोड़ की लागत से अल्ट्रा मॉडर्न फिश मॉल का निर्माण किया जा रहा है। योगी सरकार ने इस साल अब तक 14,021 मत्स्य पालकों के 10772.77 लाख के बैंक कर्ज स्वीकृत किए हैं। विभाग की ओर से 1500 से अधिक मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन में प्रशिक्षण दिया गया है।