वर्ल्ड नो टोबैको डे (विश्व तंबाकू निषेध दिवस) पर डॉक्टर्स, जन स्वास्थ्य समूहों और कैंसर पीड़ितों ने भारत सरकार से अपील की कि तंबाकू की खपत और कैंसर के मामलों के प्रसार को कम करने के लिए भारत के तंबाकू नियंत्रण कानूनों को मजबूत करे
लखनऊ, वर्ल्ड नो टोबैको डे (विश्व तंबाकू निषेध दिवस) के मौके पर डॉक्टर्स, जन स्वास्थ्य समूहों और कैंसर पीड़ितों ने सरकार से अपील की है कि तंबाकू नियंत्रण कानूनों को मजबूत करे ताकि तंबाकू की खपत और कैंसर के मामलों को मौजूदगी कम हो। संसदीय समिति की 139वीं रिपोर्ट की सिफारिश पर विचार करते हुए सरकार से यह मांग की गई है। इंडियन कौसिंल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि कैंसर से पीड़ित भारतीयों की संख्या 2022 के मुकाबले 2025 में में 26.7 मिलियन से बढ़कर 29.8 मिलियन होने की संभावना है। तंबाकू कैंसर का प्रमुख कारण है। मृत्यु के 6 से 8 प्रमुख कारणों के लिए तम्बाकू का उपयोग एक प्रमुख जोखिम कारक है और लगभग 40% गैर-संचारी रोग (एनसीडी) जिनमें कैंसर, हृदय-संवहनी रोग और फेफड़े के विकार शामिल हैं, सीधे तौर पर तम्बाकू के उपयोग के लिए जिम्मेदार हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसद की स्थायी समिति की 139वीं रिपोर्ट, "कैंसर देखभाल योजना और प्रबंधन: रोकथाम, निदान, अनुसंधान और कैंसर उपचार की सामर्थ्य" राज्यसभा/लोकसभा में प्रस्तुत की गई। समिति ने पाया कि भारत में, तंबाकू का उपयोग