प्रदेश राज्य स्तरीय धनगर समाज के संवैधानिक चिंतन शिविर में समाज के प्रबुद्ध लोगों के द्वारा निम्न बिंदुओं पर विचार प्रस्तुत किए गए । 1. समाज में जागरूकता की कमी के कारण अपने नाम के साथ पाल-बघेल आदि लगाते हैं किंतु संवैधानिक रूप से मान्य धनगर जाति को ही अपनी पहचान बनाने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि धनगर समाज के व्यक्ति अपने नाम के आगे धनगर ही लिखें । 2. हमारे समाज में नारी शिक्षा को बढ़ावा ना देने के कारण ही हमारे बच्चे अशिक्षित होकर अंधविश्वास पाखंड मैं फंस कर अपनी कमाई का धन धर्म-कर्म तीर्थ यात्रा, कावड़ यात्रा, जागरण, कथा भागवत आदि में खर्च करते है तथा स्त्री शिक्षा के अभाव के कारण ही बेटियों की दहेज हत्या एवं कन्या भ्रूण हत्या की जा रही है । 3. राजनीति के क्षेत्र में समाज की विभिन्न पार्टियों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा इसलिए समाज में निराशा का भाव है ,जरूरत है समाज का विश्वास जीतने की इसके लिए समाज का नेतृत्व करने वालों से अपेक्षा है कि वे आपस में मिल बैठकर सामूहिक नेतृत्व देने का विचार करें अन्यथा समाज में फिर बिखरा...