भाजपा मकर संक्रांति के बाद करेगी उम्मीदवारों की घोषणा,


 

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक मकर संक्रांति के बाद कभी भी हो सकती है। पहली बैठक में ही लगभग 45 सीटों पर नाम घोषित होने की संभावना है। इनमें ज्यादातर उन सीटों पर चर्चा हो सकती है, जिन पर विवाद कम है। वहीं, कुछ सीटों पर पार्टी में ही कई बड़े दावेदारों के सामने आने से आपसी घमासान तेज होने की संभावना है।

नए चहरों को उतारने की तैयारी


कुछ सीटों पर पार्टी बिलकुल नए चहरों को उतारने की तैयारी कर रही है, जिससे कई दिग्गजों की दावेदारी प्रभावित हो सकती है। इसके पहले शनिवार को दिल्ली प्रदेश कार्यालय पर प्रदेश इकाई की चुनाव समिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में कई सीटों के सभी दावेदारों के नामों पर चर्चा हुई।
 

इसके बाद रविवार और सोमवार को भी टिकटों को लेकर खूब मंथन किया गया। हर सीट से तीन उम्मीदवारों की लिस्ट प्रदेश चुनाव समिति मंगलवार को केंद्रीय इकाई तक पहुंचाएगी, जिसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति नामों पर अपनी अंतिम मुहर लगाएगी। 

कृष्णा नगर सीट पर जंग!


भाजपा सूत्रों के मुताबिक कृष्णा नगर सीट पर पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर अपने एक करीबी को चुनाव में उतारना चाहते हैं, जबकि पारंपरिक रूप से यह सीट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन की रही है, जो अपने एक करीबी को यहां से चुनाव में उतारना चाहते हैं।

इस तरह भाजपा के ही दो सांसदों के बीच इस सीट को लेकर तलवार खिंच गई है। इसके पहले के चुनाव में इस सीट पर भाजपा के टिकट पर किरण बेदी ने चुनाव लड़ा था, लेकिन स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं का  सहयोग न मिल पाने के कारण उनकी करारी हार हुई थी। 

नजफगढ़ सीट पर भी कई दावेदार


इसी तरह हरियाणा से सटी नजफगढ़ सीट पर भी पार्टी में उहापोह की स्थिति है। इस सीट पर भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा अपने एक करीबी को चुनाव में उतारना चाहते हैं, जबकि जननायक जनता पार्टी (जजपा) इस सीट पर अपना उमीदवार उतारने को तैयार है।

अगर भाजपा और जजपा में सीटों पर तालमेल बन जाता है, तो भी यह सीट जजपा के खाते में जाने की संभावना है क्योंकि जाट बहुल क्षेत्र वाली इस सीट पर वह पहले से दावा ठोंक रही है। वहीं, आशंका जाहिर की जा रही है कि इस सीट से भाजपा का बागी उम्मीदवार मैदान में उतर सकता है।

इस प्रकार नजफगढ़ सीट पर पार्टी की मुश्किलें बरकरार हैं। वहीं ऐसी ही कई अन्य सीटों पर भी आपसी कलह सामने आ रही है, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।