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खुदाई के दौरान एक कलश में से 1.716 किलोग्राम वजन के सोने के 505 सिक्के मिले


थिरुवनाईकवल में जम्बुकेश्वर मंदिर के पास खुदाई के दौरान एक कलश में से 1.716 किलोग्राम वजन के सोने के 505 सिक्के पाए गए। इसमें से 504 सिक्के छोटे और एक सिक्का बड़ा है। मंदिर प्रशासन को इस बात का पता चलते ही उन्होंने सिक्कों की जानकारी पुलिस को देते हुए कलश को पुलिस के हवाले कर दिया।


माना जा रहा है कि पाए गए सिक्के लगभग 10वीं-12वीं शताब्दी के हो सकते हैं। यही नहीं सिक्कों पर अरबी लिपी के अक्षर भी लिखे हुए पाए गए हैं। मंदिर प्रशासन ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण 1800 वर्ष पहले हुआ था।   

मंदिर का निर्माण राजवंश के शासनकाल में हुआ था। माना जाता है कि तिरुवनैकवल मंदिर की जगह पहले के समय में यहां जामुन का जंगल हुआ करता था। मंदिर के पीछे आज भी एक चबूतरे पर जामुन का पेड़ लगा हुआ है, जो बहुत पुराना है। माना जाता है कि यह पेड़ जंगलों के समय से ही है और पेड़ के नीचे ही भगवान शिव ने अपने दो भक्तों को दर्शन भी दिए थे। इसके बाद से ही यहां शिवलिंग स्थापित कर दिया गया था। कहते हैं कि इसलिए ही इस मंदिर का नाम जम्बूकेश्वर पड़ा है।  

जमबुकेश्वर मंदिर को भगवान शिव और पार्वती का प्रमुख मंदिर माना जाता है। मंदिर के आंगन में लगभग 400 स्तम्भ बने हुए हैं और साथ ही आंगन में एक सरोवर भी बना हुआ है, जिसके बीच में मंडप भी बना हुआ है। 

जम्बूकेश्वर मंदिर की तीसरी परिक्रमा में सुब्रह्मण्यम मंदिर है साथ ही यहां पर भगवान शिव का पंचमुखी लिंग भी स्थापित है। जम्बूकेश्वर मंदिर की तीसरी परिक्रमा में सुब्रह्मण्यम मंदिर है साथ ही यहां पर भगवान शिव का पंचमुखी लिंग भी स्थापित है।


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